जब चॉकलेट की ज़िद को डांट ने फटकारा,
जब गुड़िया की ख्वाहिश को थप्पड़ में तोड़ा,
जब मेले में झूला झूलने की उस मासूम सी हट को पिता का खाली पर्स पूरी ना कर पाया,
पैसा कितना जरूरी होता है तब समझ आया।।
जब सेहत से ज्यादा मां को दवाई के दामों की फिक्र ने सताया,
जब बर्सों से घिस रही पापा की उन टूटी चप्पलों ने दिल रुलाया,
हर पल उस गरीबी, लाचारी और मजबूरी ने दुनिया की सच्चाई से रूबरू कराया,
पैसा कितना जरूरी होता है तब समझ आया ।।
जब बड़े शहर जाकर पढ़ाई करने की अपनी उस ख्वाहिश को कुचला,
छोटे भाई के डॉक्टर बनने के सपने को जब खूबसूरत कहानियों ने बहलाया,/ BEHKAYA
एक जोड़ी नए कपड़ों में जब दोनों बहनों ने अपना जन्मदिन मनाया,
और पिता की लाई एक प्लेट चाट ने जब सबका मन भरवाया,/ BEHLAYA
पैसा कितना जरूरी होता है तब समझ आया।।
जब कपड़ो से लोगों को औकात आंकते देखा,
प्यार को भी महंगी गाड़ियों में बिकते पाया,
अनाथ आश्रम के बच्चों की आंखों में उस उम्मीद को जब एक डिब्बा मिठाई ने चमकाया,
जब देश का कल फुटपाथ पर ठंड में ठिठुरकर जी भी न पाया,
पैसा कितना जरूरी होता है तब समझ आया।।
जब खाली पेट उस रात मैं सो नहीं पाया,
जब मैले कपड़ों में खिंच रही तस्वीर में मुस्कुरा नहीं पाया,
जब मंदिरों में रोज लाखों का सोना चढ़ते देखा पर बाहर सीढ़ी पर बैठे उस गरीब का झोला मांगता रह गया,
जब अपने बच्चे की एक बोतल दूध की खातिर उस तवायफ को खुद को ही नीलाम करते पाया,
पैसा कितना जरूरी होता है तब समझ आया ।।
मैं ये नहीं कहती कि पैसा ही सब कुछ होता है - 2
पर जब विदेश में रहकर ऐश कर रहे बच्चों की याद में उस बूढ़ी मां ने सांसे छोड़ दीं ,
जब अंतिम शैया पर लेटे उस पिता को उठाने के लिए एक कंधा तक ना मिल पाया,
जब कलम और किताबों की जगह उन मासूम हाथों में कटोरा थमा दिया गया ,
चंद चिल्लरों की खातिर वो बचपन रेड लाइट पर नजर आया,
पैसा इतना जरूरी होता है तब जिंदगी ने हमें समझाया।
पैसा इतना जरूरी होता है तब जिंदगी ने हमें सिखलाया ।।
Penned by
Yogita Jain
Faridabad, Haryana, India
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